एक साल के इंतजार के बाद ठीक नर्मदा
जयंती के दिन रेलवे ने नर्मदापुरम शहर
के स्टेशन का नाम होशंगाबाद से बदलकर
नर्मदापुरम करने का आदेश जारी कर दिया
है।
रेलवे से आदेश मिलने के बाद रेलवे
स्टेशन पर नर्मदापुरम रेलवे स्टेशन के नाम
की पट्टिकाएं लगाई जाएंगी। मुख्यमंत्री
शिवराज सिंह चौहान ने होशंगाबाद का
नाम नर्मदापुरम करने की घोषणा पहले
ही की थी। इसके बाद शहर और जिले
का तो नाम बदल दिया गया था, लेकिन
केंद्र सरकार के अधीन विभागों के पास
नर्मदापुरम का आदेश नहीं पहुंचा था। कई
महीने तक केंद्रीय विभागों के उन दफ्तरों
में होशंगाबाद नाम ही लिखा रहा। अब
रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म पर होशंगाबाद
की जगह नर्मदापुरम नाम किया गया है।
होशंगाबाद रेलवे स्टेशन का नाम परिवर्तित
कर नर्मदापुरम रेलवे स्टेशन किए जाने की
भारत सरकार द्वारा एनओसी (अनापत्ति )
मिल गई है।
रेलवे स्टेशन का नया कोड
एनडीपीएम है । इसी नाम से रेलवे स्टेशन
का नाम सर्च होगा और टिकट आदि की
बुकिंग होगी। जनसंपर्क अधिकारी रेलवे
सूबेदार सिंह ने बताया कि पश्चिम मध्य
रेल भोपाल मंडल के होशंगाबाद रेलवे
स्टेशन के नाम परिवर्तन की अधिसूचना
जारी हो गई है।
हुशंगशाह की पहचान खत्मः इस
बदलाव के बाद अब मुगल शासक
हुशंगशाह गौरी के दौर से चला आ रहा
होशंगाबाद नाम अब अतीत बन जाएगा ।
राज्य और केंद्र दोनों सरकारों ने नर्मदापुरम
को नई पहचान दी है। 1405 ईसवी में
हशंगशाह गौरी के शासन में ऐतिहासिक
अभिलेखों में इसका नाम पहली बार सामने आया था।
हुशंगशाह ने नर्मदापुरम में हंडिया और जोंगा में एक छोटा किला तैयार किया था।
इतिहासकार हंसा व्यास के मुताबिक 15वीं शताब्दी में मुगल शासक होशंगशाह, मांडू होता हुआ यहां आया और उसके राज के दौरान इसका नाम होशंगाबाद पड़ा. हंसा व्यास के मुताबिक 15वीं शताब्दी से पहले होशंगाबाद को नर्मदापुर नाम से ही जाना जाता था. वहीं, जिला कार्यालय के मुताबिक होशंगाबाद का नाम सुल्तान होशंग शाह के नाम पर रखा गया था.
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